MP बोर्ड 10वीं टॉपर प्रज्ञा जायसवाल:Mpbse Topper Pragya Jaiswal 2025 मेहनत और संघर्ष की प्रेरणादायक कहानी

Mpbse Topper Pragya Jaiswal
Rate this post

मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (MPBSE) के 10वीं कक्षा के परिणामों ने इस वर्ष एक नया इतिहास रच दिया है। जबलपुर की मेधावी छात्रा प्रज्ञा जायसवाल ने 99.5% अंक प्राप्त करके पूरे राज्य में प्रथम स्थान हासिल किया है। यह उपलब्धि न केवल उनके व्यक्तिगत संघर्ष का परिणाम है, बल्कि उन सभी छात्रों के लिए प्रेरणा है जो कठिन परिश्रम से सफलता की नई ऊँचाइयाँ छूना चाहते हैं। प्रज्ञा जायसवाल की ये कामयाबी कई लोगों का सपना होता है लेकिन हर विद्यार्थी ये उपलब्धि नहीं हासिल कर पाता जो इन्होंने की है ।

प्रज्ञा का शैक्षणिक सफर: विषयवार प्रदर्शन

प्रज्ञा ने सभी विषयों में अद्भुत प्रदर्शन करते हुए अपनी मेधा का लोहा मनवाया:

  • हिंदी: 100/100 (पूर्ण अंक)

  • अंग्रेजी: 99/100

  • गणित: 100/100 (पूर्ण अंक)

  • विज्ञान: 100/100 (पूर्ण अंक)

  • सामाजिक विज्ञान: 98/100

इस प्रकार उन्होंने 500 में से 497.5 अंक प्राप्त करके 99.5% का अद्वितीय स्कोर हासिल किया। विशेष रूप से गणित और विज्ञान जैसे कठिन विषयों में पूर्ण अंक प्राप्त करना उनकी अवधारणात्मक समझ को दर्शाता है।

सफलता के पीछे का संघर्ष: एक प्रेरणादायक कहानी

प्रज्ञा की सफलता कोई संयोग नहीं, बल्कि सुनियोजित तैयारी और अथक परिश्रम का परिणाम है। उन्होंने अपनी दिनचर्या के बारे में बताया:

  • प्रतिदिन 6-7 घंटे की नियमित पढ़ाई

  • कठिन विषयों को प्राथमिकता देते हुए अतिरिक्त समय देना

  • मॉक टेस्ट और सैंपल पेपर्स की नियमित तैयारी

  • शिक्षकों और माता-पिता से निरंतर मार्गदर्शन लेना

प्रज्ञा कहती हैं, “मैंने कभी भी रट्टा मारकर पढ़ाई नहीं की। हर विषय को समझने पर जोर दिया। गणित में फॉर्मूले याद करने के बजाय उनके व्यावहारिक उपयोग पर ध्यान दिया।”

पारिवारिक सहयोग: सफलता की नींव

प्रज्ञा के पिता श्री संतोष जायसवाल एक शिक्षक हैं और माता श्रीमती प्रीति जायसवाल गृहिणी हैं। उन्होंने बताया कि घर का माहौल हमेशा पढ़ाई के अनुकूल रहा। पिता ने गणित और विज्ञान में विशेष मदद की, जबकि माँ ने समय प्रबंधन और तनाव मुक्त रहने में सहयोग किया।

See also  Pseb 10th Result 2025 घोषित – टॉपर्स लिस्ट, पास प्रतिशत और रिजल्ट कैसे चेक करें?

शैक्षणिक संस्थान का योगदान

प्रज्ञा ने अपनी स्कूली शिक्षा श्री चैतन्य आदर्श विद्यालय, जबलपुर से पूरी की। स्कूल प्राचार्य श्री राजीव शुक्ला ने बताया कि प्रज्ञा हमेशा से मेहनती और जिज्ञासु छात्रा रही हैं। विद्यालय द्वारा नियमित मूल्यांकन और विशेष कक्षाओं ने उनकी तैयारी को और मजबूत बनाया।

भविष्य की योजनाएँ: IAS बनने का सपना

प्रज्ञा ने अपना भविष्य स्पष्ट रूप से परिभाषित किया है। वह 11वीं कक्षा में विज्ञान संकाय चुनकर आगे की पढ़ाई जारी रखना चाहती हैं। उनका अंतिम लक्ष्य भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में जाना है। वह कहती हैं, “मैं समाज सेवा के माध्यम से देश के विकास में योगदान देना चाहती हूँ।”

MP बोर्ड 10वीं परिणाम 2024: प्रमुख तथ्य

mp board 10th result
mp board 10th result
  • कुल उत्तीर्ण प्रतिशत: 64.49%

  • लड़कियों का पास प्रतिशत: 68.42% (लड़कों से 7.5% अधिक)

  • टॉप 3 छात्र:

    1. प्रज्ञा जायसवाल – 99.5%

    2. आर्यन श्रीवास्तव – 99%

    3. अंशिका पटेल – 98.8%

गुजरात बोर्ड GSEB 12वीं रिजल्ट 2025: GSEB Result Check 2025 नतीजे

प्रज्ञा की सफलता से मिलने वाली 5 महत्वपूर्ण सीखें

  1. लक्ष्य निर्धारण: स्पष्ट लक्ष्य के बिना सफलता असंभव है।

  2. समय प्रबंधन: प्रज्ञा ने पढ़ाई, आराम और मनोरंजन के लिए संतुलित समय निर्धारित किया था।

  3. अवधारणात्मक समझ: रटने के बजाय विषयों को गहराई से समझने पर जोर देना।

  4. निरंतर मूल्यांकन: स्वयं का नियमित आकलन करते रहना।

  5. मार्गदर्शन का महत्व: शिक्षकों और अभिभावकों से सही दिशा-निर्देश लेना।

समाज के लिए प्रेरणा

प्रज्ञा की सफलता ने साबित किया है कि साधारण पृष्ठभूमि से आकर भी असाधारण उपलब्धियाँ हासिल की जा सकती हैं। उनकी कहानी उन सभी छात्रों के लिए प्रकाशस्तंभ है जो संसाधनों की कमी के बावजूद उच्च लक्ष्य रखते हैं।

See also  Plus Two Result 2025 School Wise: सिर्फ कोड डालें और देखें टॉप स्कूल्स की लिस्ट रिजल्ट देखने का सबसे आसान तरीका!

सपनों को उड़ान देती एक कहानी

प्रज्ञा जायसवाल की यह सफल यात्रा हमें यह सिखाती है कि इच्छाशक्ति और समर्पण से कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। उनकी उपलब्धि न केवल MP बोर्ड के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों से लिखी जाएगी, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी।

“सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता – यह वही लोग पाते हैं जो नियमित रूप से अपने लक्ष्य की ओर कदम बढ़ाते हैं।” – प्रज्ञा जायसवाल